Sunday, March 14, 2021

अपराध के ताल्लुकात किस धर्म से है? फ़ैसला आप करे।



उनकी दोस्त का नाम हमें नहीं मालूम जो मजबूर हो जाती है शर्म महसूस करने पर अपने आपको उस क़ौम का एक हिस्सा बताने में जिसके कुछ लोगों के कारण आए दिन हो रहे हमलों की वजह से हम और आप उनके लिए अपने मन में नफ़रत को पनपने के लिए पनाह देते है। क्या कारण है कि जिसकी वजह से लोग मजबूर हो जाते है कि ऐसी धारणाएं बनते देर नहीं लगती? बाद में यही लोग अपनी इसी मानसिकता के साथ अपराधी के समुदाय से जुड़े आम लोगों को प्रताड़ित करते है जिसकी वजह से उनकी दोस्त जैसे लोग ख़ुद को उस मज़हब का हिस्सा बताने पर शर्म महसूस करने लगते है। क्यूँ जुर्म करने वाले लोगों के आधार पर आम लोगों की मानसिकता के साथ खिलवाड़ किया जाता है बिना ये सोचे कि इसका असर उनके दिमाग़ पर क्या पड़ेगा?

मैं दरख्वास्त करता हूँ उनकी दोस्त और ऐसे लोगों से कि वो अपने आपको अपने मज़हब का हिस्सा बताने पर शर्म महसूस न करे। क्यूँकि अगर उनकी क़ौम के कुछ लोगों द्वारा किए गए हमले करना जुर्म है तो अलीगढ़ में ढाई साल की बच्ची के साथ हुआ शर्मनाक हादसा भी जुर्म है और मुंबई में पायल तड़वी को उनकी जाति के आधार पर तीन वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा इस क़दर प्रताड़ित करना कि वो मजबूर हो गई ख़ुदकुशी करने पर, यह भी जुर्म है। अब किस क़ौम को दोषी ठहराया जाए? क्या इन हादसों के लिए अब आप और हम शर्म महसूस करने लगे क्यूँकि जुर्म करने वाला आपका और हमारे मज़हब से आता है? ऐसी धारणाओं का पनपना सिर्फ़ और सिर्फ़ हमें नफ़रत की ओर ले जाएगा और कहीं नहीं। अपराध के ताल्लुकात किस धर्म से है? फ़ैसला आप करे।


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Rahul Khandelwal

25-07-2020

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